गूगल Pixel फोन के लिए आ गया है एंड्रॉइड 9 Pie,जानिए कैसा है एंड्राइड 9 Pie OS - एंड्रॉइड 9 Pie के स्टेबल वर्जन को कंपनी ने दुनियाभर में मौजूद गूगल पिक्सल डिवाइस के लिए रोलआउट कर दिया है। इसमें गूगल Pixel, Google Pixel XL, गूगल Pixel 2 और गूगल Pixel 2 XL शामिल है। दूसरे फोन्स को लेकर उम्मीद की जा रही है कि इस नए सॉफ्टवेयर का अपडेट आने वाले कुछ हफ्तों में मिलने लगेगा।
गूगल Pixel फोन के लिए रोल आउट हुआ एंड्रॉइड 9 Pie,जानिए कैसा है एंड्राइड 9 Pie
आइए जानते हैं कि एंड्रॉइड 9 Pie में क्या खास है -
गूगल ने आखिरकार अपने पॉप्यूलर ऑपरेटिंग सिस्टम एंड्रॉइड के नेक्स्ट वर्जन के नाम की घोषणा कर दी है। हम सभी जानते थे कि लेटेस्ट वर्जन को एंड्रॉइड P के नाम से पेश किया जाएगा, लेकिन P को गूगल ने ऑफिशियली Pie का नाम दिया है।
इसके साथ ही एंड्रॉइड 9 Pie के स्टेबल वर्जन को कंपनी ने दुनियाभर में मौजूद गूगल पिक्सल डिवाइस के लिए रोलआउट कर दिया है। इसमें गूगल Pixel, गूगल Pixel XL, गूगल Pixel 2 और गूगल Pixel 2 XL शामिल है। दूसरे फोन्स को लेकर उम्मीद की जा रही है कि इस नए सॉफ्टवेयर का अपडेट आने वाले कुछ हफ्तों में मिलने लगेगा।
एंड्रॉइड 9 Pie को लेकर गूगल का दावा है कि इसमें कई सुधार और बड़े बदलाव देखने को मिलेंगे। हालांकि, गूगल पिक्सल फोन पर बदलाव साफ तौर पर दिखाई दे रहे हैं। आइए जानते हैं इस नए ऑपरेटिंग सिस्टम के कुछ खास फीचर्स।
Smarter AI केसा है -
हम सभी काफी समय से ‘आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस’ शब्द को सुनते आ रहे हैं। वहीं, गूगल उन कंपनियों में से एक है जो इसका इस्तेमाल हमारी जिंदगी को आसान बनाने के लिए कर रहा है। एंड्रॉइड Pie में AI का उपयोग किया गया है। इसकी मदद से ऐप्स को समझा और बैटरी को प्राथमिकता दी जाएगी। वहीं, स्क्रीन की ब्राइटनेस सेटिंग आपकी पंसद के अनुसार अपने आप सेट हो जाएगी।
गूगल Pixel फोन के लिए आ गया है एंड्रॉइड 9 Pie,जानिए कैसा है एंड्राइड 9 Pie OS
Google Pixel phones के लिए अब आगया है Android 9 Pie -
ऐप्स एक्शन यह प्रेडिक्ट करता है कि आप आगे क्या चुनेंगे और आपके लिए कई ऑप्शन भी देगा। यह सब गूगल के नए वर्जन का उपयोग कर गूगल मशीन लर्निंग को बेहतर बनाता है।
9 पाई सिमप्ल्य्सिटी -
एंड्रॉइड में आने वाली समस्याओं में से एक है इसका कॉम्प्लेक्स नेचर और यही वजह है कि लोग अपने एंड्रॉइड के सबसे बड़े प्रतियोगी आईओएस की तरफ मुड़ जाते हैं। एंड्रॉइड 9 Pie में स्टॉक एंड्रॉइड चलाने वाले फोन पर कई चीजों को आसान बनाने की कोशिश की गई है। इसमें तीन-बटन नेविगेशन सिस्टम को हटा कर एक बटन में कर दिया गया है।
इसके अलावा टेक्स्ट सिलेक्शन मोड को बेहतर, सेटिंग को रिडिजाइन, बेहतर स्क्रीनशॉट, वॉल्यूम कंट्रोल बटन और रोटेशन कंर्फमेशन के अलावा कई सुविधाओं को जोड़ा किया गया है।
गूगल के लेटेस्ट ऑपरेटिंग सिस्टम Android P को ‘Pie’ नाम से बुलाया जाएगा -
De-addiction फीचर -
स्मार्टफोन की लत धीरे-धीरे बढ़ती जा रही है और गूगल अपने स्मार्टफोन का उपयोग करते समय अपने उपयोगकर्ताओं को स्वस्थ रखने में मदद करेगा। कंपनी ने इस नए ऑपरेटिंग सिस्टम में एक महत्वपूर्ण नई सुविधा को एड किया गया है। इसमें यूजर्स चुने हुए ऐप्स पर बिताए गए समय को सीमित कर सकते हैं। इसके अलावा यूजर्स एक टाइमर भी सेट कर सकते हैं, जो आपके द्वारा समय सीमा पार करने के बाद ऐप को डिसेबल कर देगा।
इस नए वर्जन में डू नॉट डिस्टर्ब मोड को बेहतर किया गया है। इसके अलावा आपको नया विंड डाउन मोड भी मिलता है जो आपके लिए डू नॉट डिस्टर्ब मोड को ऑन करेगा और याद दिलाएगा कि सोने का समय हो गया है।
Security first -
आपके फोन को एआई फंक्शंस थोड़ा परेशान कर सकता है। इसके उपयोग से आपका फोन में काफी डाटा एकत्र हो जाएगा। लेकिन, गूगल का कहना है कि यह मशीन लर्निंग आपके डिवाइस पर होती न कि क्लाउड पर।
इसके अलावा बैकग्राउंड में ऐप्स के पास अब सेंसिटिव हार्डवेयर रिस्ट्रिक्शन का ऑप्शन होगा। यह माइक्रोफोन, कैमरा और दूसरे सेंसर पर एप्लाई होगा। इसके अलावा HTTPS प्रोटोकॉल में अब कम-सुरक्षित HTTP कनेक्शन के लिए प्राथमिकता दी जाएगी।
गूगल Pixel फोन के लिए रोल आउट हुआ एंड्रॉइड 9 Pie,जानिए कैसा है एंड्राइड 9 Pie
आइए जानते हैं कि एंड्रॉइड 9 Pie में क्या खास है -
गूगल ने आखिरकार अपने पॉप्यूलर ऑपरेटिंग सिस्टम एंड्रॉइड के नेक्स्ट वर्जन के नाम की घोषणा कर दी है। हम सभी जानते थे कि लेटेस्ट वर्जन को एंड्रॉइड P के नाम से पेश किया जाएगा, लेकिन P को गूगल ने ऑफिशियली Pie का नाम दिया है।
इसके साथ ही एंड्रॉइड 9 Pie के स्टेबल वर्जन को कंपनी ने दुनियाभर में मौजूद गूगल पिक्सल डिवाइस के लिए रोलआउट कर दिया है। इसमें गूगल Pixel, गूगल Pixel XL, गूगल Pixel 2 और गूगल Pixel 2 XL शामिल है। दूसरे फोन्स को लेकर उम्मीद की जा रही है कि इस नए सॉफ्टवेयर का अपडेट आने वाले कुछ हफ्तों में मिलने लगेगा।
एंड्रॉइड 9 Pie को लेकर गूगल का दावा है कि इसमें कई सुधार और बड़े बदलाव देखने को मिलेंगे। हालांकि, गूगल पिक्सल फोन पर बदलाव साफ तौर पर दिखाई दे रहे हैं। आइए जानते हैं इस नए ऑपरेटिंग सिस्टम के कुछ खास फीचर्स।
Smarter AI केसा है -
हम सभी काफी समय से ‘आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस’ शब्द को सुनते आ रहे हैं। वहीं, गूगल उन कंपनियों में से एक है जो इसका इस्तेमाल हमारी जिंदगी को आसान बनाने के लिए कर रहा है। एंड्रॉइड Pie में AI का उपयोग किया गया है। इसकी मदद से ऐप्स को समझा और बैटरी को प्राथमिकता दी जाएगी। वहीं, स्क्रीन की ब्राइटनेस सेटिंग आपकी पंसद के अनुसार अपने आप सेट हो जाएगी।
गूगल Pixel फोन के लिए आ गया है एंड्रॉइड 9 Pie,जानिए कैसा है एंड्राइड 9 Pie OS
Google Pixel phones के लिए अब आगया है Android 9 Pie -
ऐप्स एक्शन यह प्रेडिक्ट करता है कि आप आगे क्या चुनेंगे और आपके लिए कई ऑप्शन भी देगा। यह सब गूगल के नए वर्जन का उपयोग कर गूगल मशीन लर्निंग को बेहतर बनाता है।
9 पाई सिमप्ल्य्सिटी -
एंड्रॉइड में आने वाली समस्याओं में से एक है इसका कॉम्प्लेक्स नेचर और यही वजह है कि लोग अपने एंड्रॉइड के सबसे बड़े प्रतियोगी आईओएस की तरफ मुड़ जाते हैं। एंड्रॉइड 9 Pie में स्टॉक एंड्रॉइड चलाने वाले फोन पर कई चीजों को आसान बनाने की कोशिश की गई है। इसमें तीन-बटन नेविगेशन सिस्टम को हटा कर एक बटन में कर दिया गया है।
इसके अलावा टेक्स्ट सिलेक्शन मोड को बेहतर, सेटिंग को रिडिजाइन, बेहतर स्क्रीनशॉट, वॉल्यूम कंट्रोल बटन और रोटेशन कंर्फमेशन के अलावा कई सुविधाओं को जोड़ा किया गया है।
गूगल के लेटेस्ट ऑपरेटिंग सिस्टम Android P को ‘Pie’ नाम से बुलाया जाएगा -
De-addiction फीचर -
स्मार्टफोन की लत धीरे-धीरे बढ़ती जा रही है और गूगल अपने स्मार्टफोन का उपयोग करते समय अपने उपयोगकर्ताओं को स्वस्थ रखने में मदद करेगा। कंपनी ने इस नए ऑपरेटिंग सिस्टम में एक महत्वपूर्ण नई सुविधा को एड किया गया है। इसमें यूजर्स चुने हुए ऐप्स पर बिताए गए समय को सीमित कर सकते हैं। इसके अलावा यूजर्स एक टाइमर भी सेट कर सकते हैं, जो आपके द्वारा समय सीमा पार करने के बाद ऐप को डिसेबल कर देगा।
इस नए वर्जन में डू नॉट डिस्टर्ब मोड को बेहतर किया गया है। इसके अलावा आपको नया विंड डाउन मोड भी मिलता है जो आपके लिए डू नॉट डिस्टर्ब मोड को ऑन करेगा और याद दिलाएगा कि सोने का समय हो गया है।
Security first -
आपके फोन को एआई फंक्शंस थोड़ा परेशान कर सकता है। इसके उपयोग से आपका फोन में काफी डाटा एकत्र हो जाएगा। लेकिन, गूगल का कहना है कि यह मशीन लर्निंग आपके डिवाइस पर होती न कि क्लाउड पर।
इसके अलावा बैकग्राउंड में ऐप्स के पास अब सेंसिटिव हार्डवेयर रिस्ट्रिक्शन का ऑप्शन होगा। यह माइक्रोफोन, कैमरा और दूसरे सेंसर पर एप्लाई होगा। इसके अलावा HTTPS प्रोटोकॉल में अब कम-सुरक्षित HTTP कनेक्शन के लिए प्राथमिकता दी जाएगी।
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