GOOGLE PIXEL XL

Google Pixel Xl रिव्यू: कैमरा लवर्स के लिए बेस्ट स्मार्टफोन

नेक्सस फोन कारगार डिवाइस रहे हैं। इसके अलावा ये ना ज़्यादा महंगे थे और ना ही ज़्यादा प्रीमियम। दूसरी तरफ, Google Pixel,  Google Pixel XL के जरिए कंपनी ने प्रीमियम सेगमेंट मार्केट में अपनी दावेदारी पेश की है। यह कहना गलत नहीं होगा कि गूगल ने ऐप्पल को चुनौती देने की तैयारी कर ली है। कीमत, डिज़ाइन और ब्रांडिंग, हर लिहाज से दोनों ब्रांड के फोन की तुलना होना तय है। संभव है कि इस फैसले के बाद कंपनी ने अपने नेक्सस प्रशंसक खो दिए हों। क्या वह आईफोन के समर्थकों का मन बदलने में कामयाब होगी? आइए यही जानने की कोशिश करते हैं।

Google Pixel Xl रिव्यू: कैमरा लवर्स के लिए बेस्ट स्मार्टफोन


गूगल पिक्सल एक्सएल का लुक और डिज़ाइन 

पहली नज़र में पिक्सल के डिज़ाइन में कुछ भी अनोखा नहीं है। फोन को देखकर हम यह कह सकते हैं कि इसकी अपनी कोई अलग पहचान नहीं है।फ्रंट पैनल ग्लास का है। स्क्रीन के ऊपर और नीचे काफी जगह मौजूद है। स्पेसिफिकेशन के तौर पर इसमें 2.5डी कॉर्निंग गोरिल्ला ग्लास 4 है, लेकिन किनारों पर घुमाव बहुत ज़्यादा नहीं है। हमारे सिल्वर रिव्यू यूनिट में सेंसर दिखने में थोड़ा अटपटा लगा, किसी काले धब्बे जैसा। हालांकि, ब्लैक वेरिएंट में यह कमी नहीं होनी चाहिए। एंड्रॉयड नेविगेशन स्क्रीन पर हैं, इसलिए चिन खाली है।

बैकपैनल और किनारों का ज़्यादातर हिस्सा मेटल का है, रियर पैनल के ऊपरी हिस्से को छोड़ कर। यह ग्लास का है। इस कारण से एंटेना काम कर पाता है। एंटेना के लिए पैच साफ नज़र आता है जो गूगल के नए फोन अलग पहचान देता है। हालांकि, हाथों में इसे पकड़ने में थोड़ा अटपटा लगता है, ख़ासकर रियर पैनल पर फिंगरप्रिंट सेंसर की मौजूदगी को देखते हुए।शुरुआती इस्तेमाल के बाद हमने पाया कि पिक्सल एक्सएलका ऊपरी हिस्सा वज़नदार है। लेकिन हम इसके आदी हो गए।पावर और वॉल्यूम बटन दायीं तरफ हैं। हमें इनकी पोज़ीशन थोड़ी अटपटी लगी। बायीं तरफ एक सिम ट्रे है जिसमें आप नैनो सिम कार्ड डाल सकते हैं। 3.5 एमएम ऑडियो जैक टॉप पर है और यूएसबी टाइप-सी पोर्ट निचले हिस्से में।

कुल मिलाकर यह फोन थोड़ा ज्यादा मोटा और चौड़ा है। इसके डिज़ाइन ने हमें बहुत ज़्यादा प्रभावित नहीं किया। पिक्सल एक्सएल इस्तेमाल करने के बाद हमें लगा कि छोटा पिक्सल इस्तेमाल करने में ज़्यादा सहूलियत होगी। अच्छी बात यह है कि छोटे वर्ज़न में डिस्प्ले के अलावा कोई बड़ा बदलाव नहीं किया गया है।

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गूगल पिक्सल एक्सएल स्पेसिफिकेशन 

गूगल ने हार्डवेयर विभाग में कोई कसर नहीं छोड़ी है। पिक्सल सीरीज के दोनों फोन के ज़्यादातर स्पेसिफिकेशन एक जैसे हैं, फ़र्क स्क्रीन साइज़, रिज़ॉल्यूशन और बैटरी क्षमता का है। आपको अधिकतम 2.15 गीगाहर्ट्ज़ क्लॉक स्पीड देने वाला क्वालकॉम स्नैपड्रैगन 821 चिपसेट मिलेगा। ग्राफिक्स के लिए एड्रेनो 530 जीपीयू इंटिग्रेटेड है। दोनों ही मॉडल में 4 जीबी रैम हैं और आपके पास 32 या 128 जीबी स्टोरेज के बीच चुनने का विकल्प है। हमारे 32 जीबी स्टोरेज यूनिट में इस्तेमाल के लिए 29.7 जीबी स्टोरेज मौजूद थी। माइक्रोएसडी सपोर्ट नहीं मौजूद है। इसे ध्यान में रखा जाए तो 128 जीबी वाला वेरिएंट खरीदने का फैसला ज़्यादा सही होगा।

पिक्सल एक्सएल में 5.5 इंच का (1440x2560 पिक्सल) स्क्रीन है, जबकि पिक्सल में 5 इंच का 1080x1920 पिक्सल रिज़ॉल्यूशन वाला। छोटे वेरिएंट का तो नहीं पता, लेकिन पिक्सल एक्सएल अब तक का सबसे बेहतरीन स्क्रीन वाला स्मार्टफोन है। यह ब्राइट और क्रिस्प है। इस पर रंग बेहद ही प्राकृतिक हैं। आपको फोन में कई अनोखे किस्म के सेंसर मिलेंगे। इसके अलावा एक एंड्रॉयड सेंसर हब मौजूद है। यह एक अलग से दिया गया प्रोसेसर है जो लगातार इनपुट पर नज़र बनाए रखता है, चाहे स्नैपड्रैगन 821 प्रोसेसर स्टैंडबाय पर ही क्यों ना हो।

लॉन्च इवेंट में गूगल ने फोन के कैमरे की क्षमता के बारे में बढ़-चढ़कर बताया था। पिक्सल और पिक्सल एक्सएल फोन में आपको 12.3 मेगापिक्सल के रियर कैमरे मिलेंगे जो फेज़ डिटेक्शन के साथ लेज़र ऑटोफोकस से लैस हैं। वहीं, फ्रंट कैमरे के सेंसर 8 मेगापिक्सल के हैं।


बड़े वाले वेरिएंट में ज्यादा जगह होने के कारण कंपनी 3450 एमएएच की बड़ी बैटरी देने में सफल रही है। क्विक चार्जिंग के लिए सपोर्ट मौजूद है। आपको बॉक्स में टाइप ए के साथ टाइप-सी यूएसबी केबल मिलेगा। इसके अलावा एक ओटीजी एडपटर भी है। यह एडपटर बेहद ही काम का है। इसकी मदद से आप अपने पुराने फोन को पिक्सल से कनेक्ट करके कॉन्टेक्ट, फोटोज़, कैलेंडर डेटा और मैसेज इंपोर्ट कर सकते हैं।

Google Pixel Xl रिव्यू: कैमरा लवर्स के लिए बेस्ट स्मार्टफोन


गूगल पिक्सल एक्सएल सॉफ्टवेयर

गूगल ने बेहद ही लोकप्रिय नेक्सस सीरीज को बंद करके बाज़ार में पिक्सल फोन उतारा है। इसका मतलब है कि ये फोन अब कंपनी के एंड्रॉयड विज़न को सही मायने में दर्शाएंगे। हालांकि, आपको इस फोन में एंड्रॉयड का शुद्ध वर्ज़न नहीं, बल्कि पिक्सल वर्ज़न मिलता है। इसमें अलग कस्टम लॉन्चर है, और भी कई कस्टमाइज़ेशन किए गए हैं। फिलहाल, यह भी साफ नहीं है कि क्या इनमें से किसी एक या सभी फ़ीचर को अन्य स्मार्टफोन निर्माता कंपनियों द्वारा इस्तेमाल करने की इज़ाजत मिलेगी या नहीं।

एंड्रॉयड 7.1 को पहली बार इस्तेमाल करने पर हमें बहुत कुछ नया होने का एहसास हुआ। शुरुआत होम स्क्रीन से, आपको बायीं तरफ ऊपर में गूगल लोगो वाला टैब नज़र आएगा। इस पर टैप करने पर आप गूगल सर्च बार तक पहुंच जाएंगे। यहां पर आपके द्वारा में हाल में सर्च किए गए सब्जेक्ट लिस्ट होंगे। स्क्रीन पर कहीं भी अंदर की तरफ स्वाइप करने पर गूगल नाउ सामने आ जाता है। होम बटन पर ज्यादा देर तक दबाव डालने पर वॉयस सर्च कमांड खुल जाएगा। यहां आपकी मुलाकात होगी गूगल असिस्टेंट से।

सेटिंग्स ऐप को पूरी तरह से बदल दिया गया है। अब नया मेन्यू आधारित सिस्टम है जिसमें आप सेक्शन के बीच बदलाव कर पाएंगे।

गूगल असिस्टेंट उन अहम वज़हों में से एक है जिसकी वजह से पिक्सल फोन वज़ूद में आया है। इसमें गूगल की सभी कोशिशों को एक धागे में पिरोया गया है। इसमें कोई शक नहीं है कि आने वाले समय में यह ज्यादा से ज्यादा डिवाइस का हिस्सा होगा।

असिस्टेंट ऐसी चीज है जिसे आप शायद कभी इस्तेमाल ना करें, या इसकी पूरी क्षमता को ना जान पाएं। यह मौजूदा एंड्रॉयड फोन के वॉयस सर्च फ़ीचर से बहुत अलग नहीं है। बस यह ज्यादा सटीक है। इसका इस्तेमाल ओके गूगल कमांड से कर सकते हैं। असिस्टेंट की मदद से आप मैसेज भेज सकते हैं। ऐप लॉन्च कर सकते हैं। किसी भी वाक्य का अनुवाद कर सकते हैं और फोन के कई फंक्शन को नियंत्रित कर सकते हैं।


गूगल पिक्सल एक्सएल कैमरा

Google Pixel Xl रिव्यू: कैमरा लवर्स के लिए बेस्ट स्मार्टफोन

अगर गूगल असिस्टेंट पिक्सल फोन की पहली अहम ख़ासियत है तो दूसरा पायदान पर कैमरा परफॉर्मेंस ज़रूर रहेगा। गूगल को पता है कि बेहतरीन कैमरा डेवलप करके ही वह प्रीमियम फोन के तमगे को वाज़िब ठहरा पाएगी। और वह इसमें सफल भी रही है।

आप जैसे ही कैमरा ऐप को एक्टिव करते हो पिक्सल का अनुभव आपको रोमांचित कर देगा। यह दिखने में स्टॉक एंड्रॉयड ऐप जैसा है लेकिन में इसमें फोटोस्फेयर मोड, बर्स्ट और स्लो मोशन जैसे विकल्प हैं। ख़ासकर लेंस ब्लर मोड तो और भी रोचक है। क्योंकि फोन में अलग-अलग शॉट कैप्चर करने के लिए दो कैमरे नहीं हैं। ऐसे में ऐप यूज़र को शॉट लेने के बाद फोन को थोड़ा हिलाने को कहता है ताकि वह उसी लेंस से थोड़ा ऑफसेट शॉट ले सके|

फोटो रिज़ॉल्यूशन 12.3 मेगापिक्सल तक जाता है। फोन का कैमरा तेजी से ऑटोफोकस करता है और चुटकियों में तस्वीरें भी कैद कर लेता है, चाहे रोशनी की स्थिति कैसी भी हो।

अब सवाल फोटो क्वालिटी की। हम भरोसे के साथ कह सकते हैं कि पिक्सल एक्सएल अपने दावों पर पूरी तरह से खरा उतरता है। इसके कैमरे की क्वालिटी आईफोन 7 और सैमसंग गैलेक्सी एस7 के स्तर की है। फोकस तेज़ होने के साथ शार्प भी है। क्लोज अप शॉट में तो कुछ डिटेल बेहद ही बेहतरीन हैं। कम रोशनी में इसकी परफॉर्मेंस अब तक की सबसे बेहतरीन है। हम इसके फ्रंट कैमरे की परफॉर्मेंस से भी खुश हैं, हालांकि यह कहीं से भी क्रांतिकारी नहीं है।

वीडियो साफ और शार्प आए। 4के वीडियो रिकॉर्ड करने के साथ दिक्कत यह है कि यह बहुत ज्यादा स्टोरेज की खपत करता है। लेकिन गूगल ने इसके लिए यूज़र को लाइफटाइम के लिए फोटोज़ की मुफ्त सब्सक्रिप्शन दी है। आप 4के वीडियो को उसके वास्तविक साइज़ में स्टोर कर पाएंगे। हालांकि, 
इससे इंटरनेट की खपतबढ़ने वाली है।

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गूगल पिक्सल एक्सएल परफॉर्मेंस

उम्मीद के मुताबिक, नए और तेज़ स्नैपड्रैगन 821 प्रोसेसर की मदद से परफॉर्मेंस में कोई कमी नहीं झलकती। हमें इस फोन पर कुछ भी करने में दिक्कत नहीं हुई। चाहे 3डी गेम खेलना हो, ज्यादा रिज़ॉल्यूशन वाले वीडियो स्ट्रीम करना हो या फिर 4के रिकॉर्डिंग। अच्छी बात यह है कि इन फंक्शन के दौरान फोन ज़्यादा गर्म भी नहीं हुआ। बड़े स्क्रीन पर वीडियो देखने और गेम खेलने का मज़ा ही कुछ और था।

सूरज की तेज रोशनी में भी स्क्रीन पर पढ़ने में दिक्कत नहीं होती। हालांकि, बिल्ट इन स्पीकर से आने वाली आवाज़ ने हमें निराश किया। यह वीडियो देखने और गेम खेलने के अनुभव को मज़ेदार बनाने के लिए तो उपयुक्त है, लेकिन ज्यादा ऊंची आवाज़ में यह तीखा हो जाता है। और यह म्यूज़िक के लिए पूरी तरह से फिट नहीं है। फिंगरप्रिंट सेंसर ने ठीक से काम किया। हमें कभी भी नेटवर्क कनेक्टिविटी की शिकायत नहीं हुई। कुल मिलाकर, हमें पिक्सल एक्सएल इस्तेमाल करने में मज़ा आया। पिक्सल एक्सएल ने बेंचमार्क टेस्ट में भी शानदार नतीजे दिए।बैटरी लाइफ तो दाद देने योग्य है। हमारे वीडियो लूप टेस्ट में यह 14 घंटे 6 मिनट तक चली। हमने गेम खेला, 4के वीडियो रिकॉर्ड किए और म्यूज़िक व वीडियो क्लिप स्ट्रीम किया, बावजूद इसके दिन के अंत तक थोड़ी बैटरी बची ही रही। क्विक चार्जिंग के लिए सपोर्ट मौजूद है। फोन करीब 2 घंटे में शून्य से 100 फीसदी तक चार्ज हो गया।


हमारा फैसला

Google Pixel Xl रिव्यू: कैमरा लवर्स के लिए बेस्ट स्मार्टफोन

हमें नहीं पता कि गूगल ने स्मार्टफोन हार्डवेयर बिजनेस में कदम क्यों रखा? पिक्सल अनुभव को अभी सीमित रखने का फैसला क्यों किया गया है? क्या कंपनी एंड्रॉयड अनुभव को लेकर अपने साझेदारों की परफॉर्मेंस से निराश है? क्या असिस्टेंट के साथ गूगल कोई खतरा मोल नहीं लेना चाहती थी, इसलिए उसने खुद ही इस प्रोजेक्ट में हाथ डाला? इन सारे सवालों के जवाब तो आने वाले समय में ही मिल पाएंगे।

इतना तो साफ है कि कंपनी ने पिक्सल और पिक्सल एक्सएल के जरिए आईफोन 7 और आईफोन 7 प्लस को चुनौती देने की तैयारी कर ली है। एक तरह से देखा जाए तो अब ऐप्पल के प्रशंसकों को आईफोन जैसा एंड्रॉयड फोन का विकल्प मिल गया है।

अगर आप यह फोन खरीदते हैं तो आपको अब तक का सबसे बेहतरीन स्मार्टफोन कैमरा मिलता है। इसकी परफॉर्मेंस भी शानदार है। संभव है कि गूगल असिस्टेंट कई यूज़र को पसंद ना आए, लेकिन अगर आपको यह फ़ीचर चाहिए तो आपके पास इस फोन को खरीदने के अलावा कोई विकल्प नहीं है। अहम एंड्रॉयड अपडेट मिलने की भी गारंटी है। उम्मीद है कि इसके बाद सैमसंग व अन्य कंपनियां और बेहतर एंड्रॉयड प्रोडक्ट मार्केट में उतारेंगी।